प्रतिक्रिया | Friday, November 22, 2024

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पश्चिम बंगाल छात्र समाज के आह्वान पर मंगलवार को कोलकाता में जारी ‘नबन्ना मार्च’ को लेकर बड़ा बवाल मचा है। दरअसल, आज मंगलवार को पश्चिम बंगाल सचिवालय तक निकाले जा रहे इस मार्च को रोकने के लिए राज्य सरकार पूरी तैयारी में नजर आई। पहले तो पुलिस ने नबन्ना मार्च की मंजूरी प्रदान नहीं की। इस पर छात्र संगठन-पश्चिम बंगाल छात्र समाज और संग्रामी जोथा मंच ने पुलिस की अनुमति के बिना ही रैली का आयोजन करने की घोषणा कर दी।

छात्रों द्वारा क्यों निकाला जा रहा नबन्ना मार्च ?

गौरतलब हो, पश्चिम बंगाल के छात्र संगठनों द्वारा राज्य सरकार के खिलाफ नबन्ना मार्च निकाला जा रहा है। यह मार्च आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के विरोध में निकाला जा रहा है। इसी के साथ छात्रों द्वारा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग भी की गई है।  

कोलकाता में पुलिस की किलेबंदी

इसी क्रम में प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए कोलकाता में पुलिस ने किलेबंदी कर दी। ड्रोन, वाटर कैनन, आंसू गैस के गोले तक तैनात किए गए। इन हालातों के बीच कोलकाता पुलिस छावनी में तब्दील नजर आया। वहीं सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त नजर आया। 

कोलकाता और हावड़ा के कई इलाकों में तनाव 

नबन्ना अभियान को लेकर कोलकाता और हावड़ा के कई इलाकों में तनाव रहा। ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग को लेकर कोलकाता के कॉलेज स्क्वायर, रानी रासमणि रोड, हावड़ा में हावड़ा ब्रिज, फॉरशोर रोड, संतरागाछी एवम् अन्य स्थानों से रैली लेकर आंदोलनकारी प्रदेश सचिवालय नबन्ना की ओर बढ़ रह रहे थे। लेकिन जगह जगह उन्हें पुलिस के विरोध का सामना करना पड़ा। 

पुलिस ने आंदोलनकारियों पर दिखाई सख्ती और उन पर भांजी लाठियां 

संतरागाछी स्टेशन इस दिन आंदोलनकारी और पुलिस की झड़प के कारण क्षेत्र में तब्दील हो गया। पुलिस के साथ आंदोलनकारियों की झड़पें होती रहीं। पुलिस के वाटर कैनन, आंसू गैस के गोले छोड़े और आंदोलनकारियों पर लाठियां भांजी। लेकिन घंटों तक आंदोलनकारियों को तीतर भीतर नहीं कर पाई। खबर लिखे जाने तक पुलिस की बैरिकेडिंग को आंदोलनकारी ने तोड़ दिया था। आंदोलनकारी की ओर से गाहे बगाहे पुलिस पर पत्थर भी चलाए गए। पुलिस ने भी आंदोलनकारियों पर सख्ती दिखाई और उन पर लाठियां भांजी।  

आंदोलनकारियों को खदेड़ने की कोशिश करती रही पुलिस

वहीं हावड़ा में प्रदर्शनकारियों की रैली को हावड़ा ब्रिज के सामने बैरिकेडिंग कर रोक दिया गया। लेकिन प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ दी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। साथ में पुलिस की ओर से कई राउंड आंसू गैस पर गोली छोड़े गए। इसके बाद भी जब प्रदर्शनकारी तितर बितर नहीं हुए तो पुलिस ने उन पर बर्बर तरीके से लाठीचार्ज कर दिया। खबर लिखे जाने तक पुलिस आंदोलनकारियों को खदेड़ने की कोशिश कर रही थी। लेकिन आंदोलनकारी भी भारत का झंडा हाथ में लेकर प्रदेश सचिवालय नबन्ना अभियान को पूरा करने पर डटे हुए थे। पुलिस के लाठीचार्ज में कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए। वहीं प्रदर्शनकारियों की ओर से हुई पत्थरबाजी में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। खबर लिखे जाने तक हावड़ा ब्रिज की स्थिति बेहद तनावपूर्ण थी।  

वहीं कॉलेज स्क्वायर से नवान्न की तरफ बढ़ रही आंदोलनकारियों की रैली को पुलिस ने हावड़ा ब्रिज से पहले एमजी रोड पर रोक दिया। वहां पुलिस ने लोगों की धर पकड़ शुरू की। खबर लिखे जाने तक एमजी रोड पर पुलिस के साथ आंदोलनकारी की झड़प हो रही थी। वहीं तकरीबन दस हजार आंदोलनकारियों की एक विशाल रैली कोलकाता के रानी रासमणि रोड से नवान्न की तरफ बढ़ रही थी। पुलिस आंदोलनकारियों को नवान्न पहुंचने से रोकने की कोशिश करती रही। 

लेकिन इसी बीच खबर आई की कुछ आंदोलनकारी नबन्ना के नॉर्थ गेट के सामने पहुंच गए और वहां नारे लगाकर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफा की मांग की। थोड़ी देर तक आंदोलनकारी ने नबन्ना के नॉर्थ गेट के पास नारेबाजी की। बाद में पुलिस ने पहुंचकर उन्हें हटा दिया। कुल मिलाकर मंगलवार के दिन पश्चिम बंगाल छात्र समाज के नवान्न अभियान को लेकर हावड़ा और कोलकाता में माहौल बेहद तनावपूर्ण रहा। खबर लिखे जाने तक पुलिस स्थिति को संभालने की कोशिश कर रही थी। 

नबन्ना मार्च से घबराई ममता सरकार!

बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले ही सोशल मीडिया पर यह छात्र संगठन उभरा है लेकिन राज्य की ममता सरकार ने इसे अवैध करार देते हुए कहा कि उसे शरारती तत्वों द्वारा अशांति फैलाने की खुफिया जानकारी मिली है। 

दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही सरकार, लोग निराश होकर कर रहे विरोध 

उधर भाजपा नेता दिलीप घोष ने सरकार पर आरोप लगाया कि वो दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही है। इससे जांच प्रभावित हो रही है। लोग इससे निराश हो रहे हैं और विरोध प्रदर्शन जारी है। यह विरोध प्रदर्शन केवल कोलकाता में ही नहीं बल्कि बीते दिनों पूरे देश में अलग-अलग हिस्सों में देखने को मिला। 

उल्लेखनीय है कि नबन्ना अभियान को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए। इसके लिए शहर में छह हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। वहीं 19 पॉइंट्स पर बैरिकेडिंग की गई है। महत्वपूर्ण जगहों पर पांच एलुमिनियम बैरिकेडिंग लगाई गई। वहीं नबन्ना भवन के बाहर तीन लेयर का सुरक्षा घेरा बनाया गया है। पूरे दिन पुलिस कंट्रोल रूम से कोलकाता पुलिस के जॉइंट कमिश्नर सीसीटीवी फुटेज की निगरानी कर रहे हैं। पहले ही जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल बुला लिया गया है। हालात को काबू में करने के लिए कॉम्बेट फोरसेज, आरएएफ, क्यूआरटी भी तैनात की गई है। 

नबन्ना घेराव की अगुवाई करने वाले चार प्रमुख नेता गिरफ्तार

वहीं राज्य सचिवालय नबन्ना घेराव योजना की अगुवाई करने वाले चार प्रमुख नेताओं को पुलिस ने सोमवार आधी रात को ही गिरफ्तार कर लिया। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने इस कार्रवाई को लेकर पश्चिम बंगाल पुलिस को ममता की पुलिस करार देते हुए इसके खिलाफ हाई कोर्ट में परिवार द्वारा याचिका लगाए जाने की जानकारी दी है। (इनपुट-हिंदुस्थान समाचार)

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आखरी अपडेट: 22nd Nov 2024