सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों पर मालिकों का नाम लिखने के उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। जस्टिस हृषिकेश राय की अध्यक्षता वाली बेंच ने रोक लगाते हुए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकारों को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने उनसे जवाब मांगा है और मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई को तय की है।
उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एनजीओ एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स समेत कई याचिकाकर्ताओं ने याचिका दायर की है। इस याचिका में यूपी सरकार, राज्य के डीजीपी और मुजफ्फरनगर के एसएसपी के अलावा उत्तराखंड सरकार को भी पक्षकार बनाया गया है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने 19 जुलाई को एक आदेश जारी करके कांवड़ रूट के सभी दुकानदारों को अपनी-अपनी दुकानों के आगे अपना नाम लिखना अनिवार्य कर दिया था, जिस पर राजनीतिक हंगामा खड़ा हो गया है।
मालिकों के नाम लिखने के लिए न किया जाए बाध्य : सुप्रीम कोर्ट
जस्टिस हृषिकेश राय की अध्यक्षता वाली बेंच ने आज इन याचिकाओं पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को मालिकों के नाम लिखने के लिए कहने वाले सरकारी निर्देश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को मालिकों के नाम लिखने के लिए कहने वाले उनके निर्देश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकारों को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने उनसे जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि खाद्य विक्रेताओं को मालिकों और कर्मचारियों के नाम लिखने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।