तालिबान का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार (30 जून) को कतर में अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र की बैठक में शामिल हुआ। आयोजकों के इस आश्वासन के बाद प्रतिनिधिमंडल बैठक में शामिल हुआ कि महिलाओं को इस बैठक में शामिल नहीं किया जाएगा। दो दिवसीय यह बैठक कतर की राजधानी दोहा में अफगान संकट पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित तीसरी बैठक है।
तालिबान सरकार के मुख्य प्रवक्ता और उसके प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले जबीहुल्ला मुजाहिद ने ‘एक्स’ पर लिखा कि प्रतिनिधिमंडल ने बैठक से इतर रूस, भारत और उज्बेकिस्तान सहित अन्य देशों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की।
बता दें, इसके पहले संयुक्त राष्ट्र ने अफगानिस्तान पर आयोजित पहली बैठक में तालिबान को आमंत्रित नहीं किया था। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि तालिबान ने फरवरी में हुई दूसरी बैठक में शामिल होने के लिए कुछ शर्तें रखीं, जिनमें अफगान नागरिक समाज के सदस्यों को वार्ता से बाहर रखने तथा तालिबान को देश का वैध शासक मानने की शर्त शामिल थी।
दरअसल तालिबान ने अगस्त, 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पर नियंत्रण हासिल किया था, लेकिन किसी भी देश ने आधिकारिक तौर पर तालिबान को काबुल की वैध सरकार के रूप में मान्यता नहीं दी। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि जब तक महिला शिक्षा और रोजगार पर प्रतिबंध लागू हैं, तब तक मान्यता लगभग असंभव है।