प्रतिक्रिया | Monday, April 28, 2025

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टीम इंडिया ने रचा इतिहास, टी-20 विश्व कप फाइनल में साउथ अफ्रीका को हरा खत्म किया 17 सालों का लंबा इंतजार

भारत ने 2024 के टी-20 विश्व कप के फाइनल में पहली बार फाइनल में पहुंचे दक्षिण अफ्रीका को सात रन से हराकर अपने 17 साल के टी 20 विश्व कप सूखे को खत्म किया। 2007 में अपने पहले टी20 विश्व कप की जीत के सत्रह साल बाद, भारत ने बारबाडोस के आसमान तले एक रोमांचक मुकाबले में अपनी दूसरी ट्रॉफी उठाई।

भारत की ऐतिहासिक जीत तेज गेंदबाजों जसप्रीत बुमराह, अर्शदीप सिंह और हार्दिक पांड्या की डेथ ओवरो में शानदार बॉलिंग प्रदर्शन और विराट कोहली और अक्षर पटेल की परिपक्व पारियों के बदौलत हुई। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम को शुरुआती झटके लगे और कप्तान रोहित शर्मा (9), विकेटकीपर ऋषभ पंत (0) और सूर्यकुमार यादव (3) पावरप्ले के भीतर आउट हो गए।

5.3 ओवर के बाद 34/3 के स्कोर पर, विराट कोहली के कंधो पर जिम्मेदारी थी, जो टूर्नामेंट में पहले से ही फॉर्म में नहीं थे। लेकिन कोहली ने अक्षर पटेल के रूप में एक साथी मिला, जिन्हें नंबर 5 पर प्रमोट किया गया। दोनों ने 54 मिलकर गेंदों पर 72 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी की, इससे पहले कि दक्षिण अफ्रीका के क्विंटन डी कॉक की शानदार फील्डिंग ने पटेल की यादगार पारी को समाप्त कर दिया। कोहली ने एक छोर को संभाले रखा जबकि शिवम दुबे ने 27 रन की तेज पारी खेली, जिससे भारत ने निर्धारित 20 ओवरों में 176/7 का स्कोर बनाया।

177 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका ने शुरुआत में ही तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और अर्शदीप सिंह के हाथों दो महत्वपूर्ण विकेट गंवा दिए, जिन्होंने क्रमशः रीजा हेंड्रिक्स (4) और कप्तान एडेन मार्कराम (4) को आउट किया। ट्रिस्टन स्टब्स और क्विंटन डी कॉक ने साझेदारी करके अफ्रीका को संभाले रखा। हालांकि, अक्षर पटेल ने स्टब्स (31) को आउट करके भारत को बहुत जरूरी सफलता दिलाई।

इसके बाद हेनरिक क्लासेन ने भारतीय स्पिनरों पर हमला बोला। अपनी तेज पारी के बावजूद अर्शदीप सिंह ने डी कॉक आउट कर भारतीय टीम को एक बड़ी सफलता दिलाई। हालांकि इसके अगले ओवर में मिलर ने कुलदीप के खिलाफ चौका और छक्का लगाकर दबाव कम किया। प्रोटियाज ने 14 ओवर में 123/4 रन बनाए, अंतिम छह ओवरों में उन्हें 54 रन की जरूरत थी। क्लासेन ने दो चौकों और पांच छक्कों की मदद से सिर्फ 23 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया। दक्षिण अफ्रीका ने 15.2 ओवर में 150 रन का आंकड़ा पार किया। घातक दिख रहे क्लासेन पांड्या ने आकर भारत के लिए महत्वपूर्ण विकेट लिया, जिन्होंने 27 गेंदों में दो चौकों और पांच छक्कों की मदद से 52 रन बनाए। उन्हें पंत ने विकेट के पीछे कैच कराया। 16.1 ओवर में दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 151/5 था।

मार्को जेनसन और मिलर ने खेल जारी रखा। हालांकि, पांड्या के ओवर ने भारत को थोड़ी राहत दी, क्योंकि कोई बाउंड्री नहीं लगी, जिससे उन्हें अंतिम तीन ओवरों में 22 रन बचाने थे। मार्को यैंसन को बुमराह ने सिर्फ दो रन पर आउट कर दिया, और दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 17.4 ओवरों में 156/6 हो गया, और उन्हें 14 गेंदों में 21 रन बनाने थे। बुमराह के ओवर में सिर्फ दो रन दिए गए, जिससे प्रोटियाज को अंतिम 12 गेंदों में 20 रन बनाने थे। अर्शदीप ने 19 वें ओवर में और सिर्फ चार रन दिए।

आखिरी 6 गेंदों पर 16 रन चाहिए थे, हार्दिक ने अफ्रीका के उम्मीदों पर फेरा पानी

प्रोटियाज को अंतिम छह गेंदों में 16 रन चाहिए थे। हार्दिक अंतिम ओवर करने के लिए दौड़े उन्होंने मिलर को लो फुल टॉस गेंद फेंकी, जिसे मिलर ने लॉन्ग-ऑफ की दिशा में खेल दिया ऐसा लग रहा था कि गेंद बाउंड्री लाइन को पार कर जाएगी, लेकिन सूर्या कहीं से प्रकट हुए और अपनी बाईं ओर बढ़कर खुद को संभालते हुए विश्व कप फाइनल का ऐतिहासिक कैच लपका, अगली पाँच गेंदों पर साउथ अफ्रीक सिर्फ छह रन ही बना सकी और इस तरह भारत सात रन से विश्व कप का खिताब अपने नाम कर लिया। जसप्रीत बुमराह ने 4-0-18-3 के अपने मैच जीतने वाले स्पेल के साथ प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया। जबकि प्लेयर ऑफ द मैच विराट कोहली रहे।

 

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आखरी अपडेट: 28th Apr 2025