भारत और इंडोनेशिया के बीच सातवीं संयुक्त रक्षा सहयोग समिति यानी जेडीसीसी की बैठक आज शुक्रवार को नई दिल्ली में होने जा रही है। इस बैठक की सह-अध्यक्षता रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने और इंडोनेशिया के रक्षा महासचिव एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) डोनी एर्मावान टौफैंटो करेंगे।
दोनों पक्ष साझा हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर अपने-अपने विचार रखेंगे
इस दौरान दोनों पक्ष साझा हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर अपने-अपने विचार रखेंगे। ज्ञात हो, भारत-इंडोनेशिया मित्रता को 2018 में व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाया गया था। इस मित्रता ने रक्षा उद्योग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी आदि के क्षेत्र में नए सहयोग की अनुमति देने के लिए द्विपक्षीय संबंधों का दायरा बढ़ाया है। दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध इस बढ़ती साझेदारी के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं।दोनों देशों के बीच रक्षा गतिविधियों में विविधता आई है। इनमें रक्षा सेवाओं के बीच व्यापक संपर्क, सैन्य आदान-प्रदान, उच्च-स्तरीय दौरे, क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम, संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में सहयोग, जहाज यात्राएं और द्विपक्षीय अभ्यास शामिल हैं।
डोनी एर्मावान टौफैंटो पुणे में भारतीय रक्षा उद्योगों के साथ भी बातचीत करने जाएंगे
भारत और इंडोनेशिया के बीच 2001 में हस्ताक्षरित रक्षा सहयोग समझौते में सहयोग के संभावित क्षेत्रों और साझा हित के मामलों का पता लगाने एवं उन्हें चिन्हित करने, स्वीकृत सहकारी गतिविधियों को शुरू करने, समन्वय करने, निगरानी करने और उन्हें नियंत्रित करने के लिए जेडीसीसी की स्थापना की गई थी। भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आए इंडोनेशिया के रक्षा महासचिव 4 मई, 2024 तक आधिकारिक यात्रा पर हैं। इस दौरान वे नई दिल्ली और पुणे में भारतीय रक्षा उद्योगों के साथ भी बातचीत करेंगे।
भारत और इंडोनेशिया के द्विपक्षीय संबंध
उल्लेखनीय है कि भारत और इंडोनेशिया ने दो सहस्राब्दियों से घनिष्ठ सांस्कृतिक और वाणिज्यिक संपर्क साझा किए हैं। हिंदू, बौद्ध और बाद में मुस्लिम धर्म ने भारत के तटों से इंडोनेशिया की यात्रा की। रामायण और महाभारत के महान महाकाव्यों की कहानियां इंडोनेशियाई लोक कला और नाटकों का स्रोत हैं। साझा संस्कृति, औपनिवेशिक इतिहास और स्वतंत्रता के बाद राजनीतिक संप्रभुता, आर्थिक आत्मनिर्भरता और स्वतंत्र विदेश नीति के लक्ष्यों का द्विपक्षीय संबंधों पर एकीकृत प्रभाव पड़ता है।
इंडोनेशिया में भारतीय समुदाय को मिलता है बहुत सम्मान
ज्ञात हो, इंडोनेशिया में भारतीय मूल के लगभग 100,000 इंडोनेशियाई हैं, जिनमें से अधिकांश ग्रेटर जकार्ता, मेदान, सुरबाया और बांडुंग में केंद्रित हैं। वे मुख्य रूप से कपड़ा और खेल के सामान के व्यापार में लगे हुए हैं। केवल इतना ही नहीं इंडोनेशिया में 8,500 से अधिक भारतीय नागरिक रहते हैं जिनमें इंजीनियर, सलाहकार, चार्टर्ड अकाउंटेंट, बैंकर और अन्य पेशेवर शामिल हैं। इंडोनेशिया में भारतीय समुदाय को बहुत सम्मान दिया जाता है, यह आम तौर पर समृद्ध है और इसमें स्थानीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियों में वरिष्ठ पदों पर बैठे व्यक्ति शामिल हैं।