अर्थव्यवस्था में हाइड्रोजन और ईंधन सेल के लिए अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी की 41वीं संचालन समिति की बैठक नई दिल्ली में 18 से 22 मार्च तक आयोजित की जा रही है। 5 दिवसीय बैठक के पहले दिन 18 मार्च को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली में आईपीएचई अकादमिक आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान प्रतिनिधियों ने हाइड्रोजन और ईंधन सेल प्रौद्योगिकियों के भविष्य के बारे में विचार-विमर्श किया। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय सूद ने कहा कि हाइड्रोजन को स्वच्छ और अधिक किफायती बनाने की आवश्यकता है।
हाइड्रोजन कोई बहुत नई तकनीक नहीं
आईपीएचई बैठक के पहले दिन अकादमिक आउटरीच पर केंद्रित, ग्रीन हाइड्रोजन को अपनाने में तीव्रता लाने के लिए अनुसंधान, विकास और नवाचार की भूमिका पर विचार-विमर्श किया गया। इस मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय सूद ने कहा कि हालांकि हाइड्रोजन कोई बहुत नई तकनीक नहीं है, लेकिन इसे और अधिक किफायती और स्वच्छ बनाने के लिए समन्वित रूप से कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने क्षेत्र में कौशल विकास और अनुसंधान एवं विकास के महत्व पर बल दिया।
अन्य मंत्रालय भी हरित हाइड्रोजन को अपनाने के लिए प्रयासरत
उन्होंने बताया कि नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अलावा, भारत सरकार के विभिन्न अन्य मंत्रालय भी हरित हाइड्रोजन को अपनाने के लिए प्रयास कर रहें हैं। अजय सूद ने यह भी बताया कि हाइड्रोजन मूल्य श्रृंखला में काम के प्रमुख क्षेत्रों में 5 घटक अर्थात् उत्पादन, भंडारण, परिवहन, वितरण और उपभोग शामिल हैं।
आईआईटी में दिल्ली की भागीदारी
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली के डीन प्रोफेसर नरेश भटनागर ने पिछले दो दशकों से हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों के अनुसंधान एवं विकास में आईआईटी दिल्ली की भागीदारी के बारे में जानकारी दी। उन्होंने ऊर्जा प्रणालियों में विभिन्न विषयों पर संस्थान द्वारा स्नातक, परास्नातक और पीएचडी स्तर पर प्रस्तुत किए जाने वाले पाठ्यक्रमों के बारे में भी बताया। नरेश भटनागर ने कहा कि आईआईटी दिल्ली में 750 बार हाइड्रोजन सिलेंडर पर उच्च दबाव भंडारण के बारे में अनुसंधान और विकास प्रकिया जारी है।
क्या है आईपीएचई ?
2003 में स्थापित अर्थव्यवस्था में हाइड्रोजन और ईंधन सेल के लिए अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी (आईपीएचई) में 23 सदस्य देश और यूरोपीय आयोग शामिल हैं। यह वैश्विक स्तर पर हाइड्रोजन और ईंधन सेल प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने के लिए काम करता है। द्विवार्षिक आईपीएचई संचालन समिति की बैठकें सदस्य देशों, हितधारकों और निर्णय निर्माताओं के बीच अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में काम करती हैं। ये बैठकें नीति और तकनीकी विकास पर सूचना के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करती हैं, सहयोग के लिए प्रमुख क्षेत्रों की पहचान करने में मदद करती हैं और सदस्य देशों को इस संबंध में की गई पहल की जानकारी प्रदान करती हैं।