ब्रुनेई दौरे पर पहुंचे पीएम मोदी आज ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया से बातचीत करेंगे। इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर चर्चा होने की संभावना है और सहयोग के नए क्षेत्रों की भी तलाश की जाएगी। बातचीत के बाद कई सहमति पत्रों का आदान-प्रदान होने की उम्मीद है। इस बैठक में रक्षा और ऊर्जा संबंधों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
दुनिया का सबसे बड़ा महल इस्ताना नूरुल इमान पैलेस में होगी बैठक
पीएम मोदी आज दोपहर का भोजन सुल्तान हसनअल बोल्किया के आधिकारिक निवास इस्ताना नूरुल इमान पैलेस में करेंगे। यह दुनिया का सबसे बड़ा महल है। इस महल का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज है। इसमें 1,788 कमरे, 257 बाथरूम और 38 तरह के संगमरमर से बनी 44 सीढ़ियां हैं। ब्रुनेई के कुछ यादगार लम्हों की तस्वीरें संक्षिप्त विवरण के साथ प्रधानमंत्री मोदी के एक्स हैंडल पर साझा की गई हैं।
ब्रुनेई में उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद का भी किया दौरा
प्रधानमंत्री मोदी मोदी दक्षिण पूर्वी एशिया में स्थित भौगोलिक तौर पर छोटे देश ब्रुनेई की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ब्रुनेई में उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद भी गए। इसे वर्तमान सुल्तान के पिता ने बनवाया था। दोनों जगहों पर उन्होंने भारतीय प्रवासियों से बातचीत की।
पीएम ने किया भारतीय उच्चायोग के नए कार्यालय का उद्घाटन
पीएम मोदी मंगलवार को ब्रुनेई और सिंगापुर की अपनी दो देशों की यात्रा के पहले चरण में बंदर सेरी बेगवान पहुंचे। पीएम मोदी का औपचारिक स्वागत किया गया और ब्रुनेई के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री कार्यालय में वरिष्ठ मंत्री हाजी अल-मुहतादी बिल्लाह ने उनका स्वागत किया। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ब्रुनेई की पहली द्विपक्षीय यात्रा है। यह यात्रा भारत और ब्रुनेई के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है। मंगलवार को ही पीएम मोदी ने बंदर सेरी बेगवान में भारतीय उच्चायोग के नए कार्यालय का उद्घाटन किया। उन्होंने ब्रुनेई में उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद का भी दौरा किया।
भारत और ब्रुनेई के बीच बहुत मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध
भारत और ब्रुनेई के बीच बहुत मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। द्विपक्षीय संबंधों में रक्षा, व्यापार और निवेश, ऊर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, क्षमता निर्माण, संस्कृति और लोगों के बीच जीवंत आदान-प्रदान जैसे कई क्षेत्र शामिल हैं। भारत को अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम में ब्रुनेई से बहुमूल्य समर्थन मिला है, इस क्षेत्र में ब्रुनेई के साथ तीन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। भारत अभी भी ब्रुनेई से कच्चे तेल का अच्छा खासा आयात करता है।
रक्षा द्विपक्षीय सहयोग का एक और महत्वपूर्ण स्तंभ है। दोनों देश रक्षा के क्षेत्र में सहयोग के लिए एक संयुक्त कार्य समूह की स्थापना की दिशा में भी काम कर रहे हैं। भारत ब्रुनेई से हाइड्रोकार्बन का आयात करता रहा है। लंबे समय में, नई दिल्ली ब्रुनेई से लंबी अवधि के अनुबंधों के साथ अधिक अनुमानित आपूर्ति करना चाहेगी, खासकर प्राकृतिक गैस के क्षेत्र में।
आज जाएंगे सिंगापुर पीएम मोदी
आज बैठक के बाद पीएम मोदी अपने समकक्ष लॉरेंस वोंग के निमंत्रण पर अपनी दो देशों की यात्रा के दूसरे चरण के लिए सिंगापुर जाएंगे। नेता भारत-सिंगापुर रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा करेंगे और आपसी हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। वह लगभग छह वर्षों के बाद सिंगापुर की यात्रा पर जा रहे हैं। भारत का सिंगापुर के साथ मजबूत रक्षा सहयोग है, और व्यापार और निवेश प्रवाह में लगातार वृद्धि देखी गई है। सिंगापुर आसियान में भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का प्रमुख स्रोत है।