केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केंद्रीय बजट 2024-25 पेश करते हुए सभी वर्ग के निवेशकों के लिए ‘एंजेल टैक्स’ खत्म करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करना, उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देना और नवाचार का समर्थन करना है।
विदेशी कंपनियों पर कॉर्पोरेट कर 35 प्रतिशत
उन्होंने भारत की विकास आवश्यकताओं के लिए विदेशी पूंजी को आकर्षित करने के लिए विदेशी कंपनियों पर कॉर्पोरेट कर की दर को 40 से घटाकर 35 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव रखा। सीतारमण ने अर्थव्यवस्था की वित्तपोषण जरूरतों को पूरा करने और क्षेत्र को आकार, क्षमता और कौशल के संदर्भ में तैयार करने के लिए एक वित्तीय क्षेत्र दृष्टि और रणनीति दस्तावेज लाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह आगामी पांच वर्षों के लिए एजेंडा तय करेगा और सरकार, नियामकों, वित्तीय संस्थानों और बाजार सहभागियों के काम का मार्गदर्शन करेगा।
मंत्री ने जलवायु वित्त के लिए वर्गीकरण विकसित करने का भी प्रस्ताव रखा। इससे जलवायु अनुकूलन और शमन के लिए पूंजी की उपलब्धता बढ़ने की उम्मीद है, जो भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं और हरित बदलाव को प्राप्त करने में मदद कर सकती है।
क्या है एंजेल टैक्स
शेयर की अतिरिक्त कीमत को इनकम माना जाता है और इस इनकम पर टैक्स लगता है, जिसे एंजेल टैक्स कहा जाता है। इसे इस तरह समझ सकते हैं कि जब कोई स्टार्टअप किसी निवेशक से पैसा जुटाती है और निवेश की राशि स्टार्टअप के शेयरों के उचित बाजार मूल्य से अधिक हो, तो ऐसे में उस स्टार्टअप को एंजेल टैक्स चुकाना पड़ता है। इस टैक्स को इसलिए लाया गया था ताकि काले धन को ऐसे निवेश की मदद से सफेद न बनाया जा सके।