प्रतिक्रिया | Tuesday, February 11, 2025

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भारत में 6.65 लाख गांव हैं, जिनमें 2.68 लाख ग्राम पंचायतें और ग्रामीण स्थानीय निकाय हैं। यह देश के ग्रामीण परिदृश्य की रीढ़ हैं। देश के यह गाँव भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और संस्कृति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। केंद्रीय बजट 2025-26 ग्रामीण भारत में रोजगार सृजन, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और बुनियादी ढांचे के विकास जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है।

ग्रामीण समुदायों का समृद्ध और टिकाऊ भविष्य 

ग्रामीण भारत 2047 तक एक विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है। वहीं, केंद्रीय बजट इसे और अधिक आत्मनिर्भर (आत्मनिर्भर) बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में काम कर रहा है। रोजगार, बुनियादी ढांचे और आर्थिक सशक्तिकरण जैसे आवश्यक क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करके, बजट ग्रामीण समुदायों के समृद्ध और टिकाऊ भविष्य के लिए महत्वपूर्ण समर्थन सुनिश्चित करता है, जो एक मजबूत, अधिक आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त करता है।

ग्रामीण विकास को आगे बढ़ाने और समृद्धि बढ़ाने के लिए प्रमुख पहल 

केंद्रीय बजट 2025-26 में केंद्रित कार्यक्रमों और निवेशों के माध्यम से ग्रामीण विकास को आगे बढ़ाने और समृद्धि बढ़ाने के उद्देश्य से जल जीवन मिशन, भारतनेट परियोजना जैसी प्रमुख पहलों की रूपरेखा तैयार की गई है। वहीं, इंडिया पोस्ट अपने 1.5 लाख ग्रामीण डाकघरों, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक और 2.4 लाख डाक सेवकों के साथ ग्रामीण आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।

ग्रामीण भारत में सकारात्मक परिवर्तन

जैसे-जैसे भारत अधिक समृद्धि की ओर बढ़ रहा है, विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक परिणाम देखे गए हैं। इनमें ग्रामीण मजदूरी में वृद्धि, ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक इंटरनेट कनेक्टिविटी, गरीबी में गिरावट और उपभोग असमानता में कमी शामिल है।

राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) रिपोर्ट- 2015-16 और 2019-21 के बीच बहुआयामी गरीबी में रहने वाले व्यक्तियों का अनुपात 24.85% से घटकर 14.96% हो गया। इस अवधि के दौरान 13.5 करोड़ व्यक्ति बहुआयामी गरीबी से बच गये।

ग्रामीण इंटरनेट कनेक्टिविटी– मार्च 2024 तक, भारत में 954.40 मिलियन इंटरनेट ग्राहक थे। इनमें से 398.35 मिलियन ग्रामीण इंटरनेट ग्राहक थे।

आय वितरण (गिनी गुणांक)- ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह FY22-23 में 0.266 से घटकर FY23-24 में 0.237 हो गया।

ग्रामीण वेतन वृद्धि– श्रम ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 (अप्रैल-सितंबर 2024) में ग्रामीण मजदूरी में साल-दर-साल हर महीने 4% से अधिक की वृद्धि देखी गई, पुरुषों के लिए कृषि मजदूरी में 5.7% और महिलाओं के लिए 7% की वृद्धि हुई और गैर-कृषि मजदूरी पुरुषों के लिए 5.5% और महिलाओं के लिए 7.9 प्रतिशत बढ़ी।

केंद्रीय बजट 2025-26 में ₹1,88,754 करोड़ का प्रावधान

आपको बता दें ग्रामीण विकास मंत्रालय के लिए इस बार केंद्रीय बजट 2025-26 में ₹1,88,754 करोड़ का प्रावधान किया गया है। वहीं, केंद्रीय बजट में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कार्यक्रम के लिए ₹86,000 करोड़, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए ₹19,000 करोड़, प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण के लिए ₹54,832 करोड़, दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण जीविका मिशन के लिए ₹19005 करोड़ और राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के लिए ₹9652 करोड़ का प्रावधान रहा।

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आखरी अपडेट: 11th Feb 2025