केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग (एनसीएसके) के कार्यकाल को 31 मार्च से आगे तीन वर्षों के लिए (अर्थात 31 मार्च 2028 तक) बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। एनसीएसके के तीन वर्षों के विस्तार के लिए कुल वित्तीय खर्च लगभग 50.91 करोड़ रुपये होगा।पीएम मोदी की अ ध्यक्षता में शुक्रवार को उक्त आश्रय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इससे सफाई कर्मचारियों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान को सुविधाजनक बनाने, सफाई क्षेत्र में काम करने की स्थिति में सुधार लाने और खतरनाक सफाई करते समय शून्य मृत्यु दर हासिल करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।
आयोग के कार्य
एनसीएसके से जुड़े कार्य
–सफाई कर्मचारियों की स्थिति, सुविधाओं और अवसरों में असमानताओं को समाप्त करने की दिशा में केंद्र सरकार के लिए विशिष्ट कार्यक्रमों की सिफारिश करना;
–सफाई कर्मचारियों और विशेष रूप से मैला ढोने वालों के सामाजिक और आर्थिक पुनर्वास से संबंधित कार्यक्रमों और योजनाओं के कार्यान्वयन का अध्ययन और मूल्यांकन करना;
–विशिष्ट शिकायतों की जांच करना और (i) सफाई कर्मचारियों के किसी समूह के संबंध में कार्यक्रमों या योजनाओं, (ii) सफाई कर्मचारियों की मुश्किलों को कम करने के उद्देश्य से लिए गए निर्णयों, दिशा-निर्देशों आदि के गैर-कार्यान्वयन से संबंधित मामलों का स्वतः संज्ञान लेना; (iii) सफाई कर्मचारियों आदि के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए उपाय,
–सफाई कर्मचारियों की स्वास्थ्य सुरक्षा और वेतन से संबंधित कार्य स्थितियों का अध्ययन और निगरानी करना,
–सफाई कर्मचारियों से संबंधित किसी भी मामले पर केंद्र या राज्य सरकार को रिपोर्ट देना, जिसमें सफाई कर्मचारियों के सामने आ रही किसी भी मुश्किल या अक्षमता को ध्यान में रखा जाएगा;
–कोई अन्य मामला जो केंद्र सरकार द्वारा उसे भेजा जा सकता है।
बता दें कि राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग अधिनियम, 1993 को सितंबर, 1993 में अधिनियमित किया गया था और एक वैधानिक राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का गठन पहली बार अगस्त, 1994 में किया गया था।