ब्रिटेन और ऑस्ट्रिया के छह दिवसीय दौरे पर गई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण यात्रा के पहले चरण में सोमवार शाम लंदन पहुंची। यूके में भारतीय उच्चायुक्त ने हीथ्रो हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया।
ईएफडी के 13वें मंत्रिस्तरीय वार्ता में होंगी शामिल
बताना चाहेंगे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का लंदन में भारत-ब्रिटेन आर्थिक और वित्तीय वार्ता की 13वीं मंत्रिस्तरीय वार्ता में भाग लेने वाली हैं। इस वार्ता की सह अध्यक्षता वित्त मंत्री और ब्रिटेन के वित्त मंत्री की ओर से की जानी है।
ब्रिटेन और ऑस्ट्रिया के थिंक टैंक, निवेशक और व्यापार जगत के नेताओं के साथ होगी बातचीत
इस दौरान ब्रिटेन और ऑस्ट्रिया के थिंक टैंक, निवेशक और व्यापार जगत के नेताओं के साथ विचार विमर्श किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस दौरे के दौरान कई अहम समझौते भी हो सकते हैं।
13वां ईएफडी दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मंच
वित्त मंत्रालय के मुताबिक 13वां ईएफडी दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मंच हैं। यह निवेश मामलों, वित्तिय सेवाओं, वित्तीय विनियम, यूपीआई अर्ध संबंधों, कराधान मंमाल और अवैध वित्तीय प्रवाह सहित, वित्तीय सहयोग के विभिन्न पहुलओं में स्पष्ट सहभागिता के अवसर को प्रदान करता है।
आधिकारिक यात्रा के दौरान यूनाइटेड किंगडम में
केंद्रीय वित्त मंत्री भारत-यूके निवेशक गोलमेज सम्मेलन में मुख्य भाषण देंगी, जिसमें अंतरराष्ट्रीय संगठनों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे, जिसमें पेंशन फंड, बीमा कंपनियां, बैंक और वित्तीय सेवा संस्थानों सहित यूके वित्तीय इकोसिस्टम के प्रमुख प्रबंधनकर्मी भी शामिल होंगे।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ब्रिटेन के व्यापार मंत्री माननीय जोनाथन रेनॉल्ड्स के साथ मिलकर सिटी ऑफ लंदन के साथ साझेदारी में गोलमेज सम्मेलन की सह-मेजबानी करेंगी, जिसमें ब्रिटेन के प्रमुख पेंशन फंडों और परिसंपत्ति प्रबंधकों के शीर्ष सीईओ और वरिष्ठ प्रबंधन भागीदार होंगे।
आधिकारिक यात्रा के ऑस्ट्रियाई चरण के दौरान
केंद्रीय वित्त मंत्री ऑस्ट्रियाई सरकार के वरिष्ठ नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगी, जिनमें ऑस्ट्रिया के वित्त मंत्री श्री मार्कस मार्टरबाउर और ऑस्ट्रिया के संघीय चांसलर क्रिश्चियन स्टॉकर शामिल होंगे।
वित्त मंत्री सीतारमण और ऑस्ट्रिया के अर्थव्यवस्था, ऊर्जा और पर्यटन मंत्री श्री वोल्फगैंग हैटमैन्सडॉर्फर, प्रमुख ऑस्ट्रियाई सीईओ के साथ एक सत्र की सह-अध्यक्षता करेंगी, जिसमें उन्हें दोनों देशों के बीच गहन निवेश सहयोग के लिए भारत में मौजूदा और आगामी अवसरों से अवगत कराया जाएगा।