भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने 15 अप्रैल को नई दिल्ली में पर्यावरण-अनुकूल शमन उपायों सहित पर्यावरण और वन मंजूरी पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का उद्देश्य पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं का उपयोग करके देश के राष्ट्रीय राजमार्ग के बुनियादी ढांचे के विस्तार के लिए एक ठोस आधार तैयार करना था। इसमें देश भर में पर्यावरण अनुकूल राजमार्ग बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए परियोजना मंजूरी और शमन रणनीतियों से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। कार्यशाला में एनएचएआई, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के कई अधिकारी और स्टेकहोल्डर शामिल हुए।
दरअसल पर्यावरण स्थिरता, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क के विस्तार पर मजबूत ध्यान देने के साथ, एनएचएआई एक हरित, अधिक लचीला और समावेशी भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।
बता दें कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। अनुराग जैन ने देश भर में टिकाऊ बुनियादी ढांचे को कुशलतापूर्वक विकसित करने के लिए पीएम गति शक्ति के ढांचे का उपयोग करके विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में सुधार करने और एक सहयोगी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। कार्यशाला के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों और उद्योग जगत के विशेषज्ञों के साथ विभिन्न पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं, जिसमें पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ सड़क से जुड़ी आधारभूत संरचनाओं के विकास के विभिन्न पहलुओं पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई।
एनएचएआई के अध्यक्ष संतोष कुमार यादव ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए टिकाऊ बुनियादी ढांचे के निर्माण के प्रति एनएचएआई की प्रतिबद्धता दोहराई और वन्यजीव गलियारे, अमृत सरोवर, वृक्षारोपण अभियान और हरित राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में अपशिष्ट पदार्थों के उपयोग जैसी पहलों पर प्रकाश डाला।
वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय सम्मेलन में दर्शकों को संबोधित करते हुए वन महानिदेशक जितेंद्र कुमार ने कहा की हमें आधारभूत संरचनाओं से जुड़ी परियोजनाओं के विकास के लिए अंतर-विभागीय सहयोग में सुधार करके और स्थायी कार्यप्रणालियों को शामिल करने के लिए एक ठोस रोडमैप बनाकर योजना और प्रस्ताव प्रक्रिया में तेजी लाने की दिशा में कदम उठाना होगा।