प्रतिक्रिया | Sunday, December 22, 2024

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केन्या में हिंसक प्रदर्शन, भारत ने अपने नागरिकों के लिए जारी की एडवाइजरी

केन्या में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच भारत ने अपने नागरिकों को अफ्रीकी देश में मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति के मद्देनजर अत्यंत सावधानी बरतने की सलाह दी है। केन्या में कई हफ्तों से टैक्स बिल के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है। इस बिल के तहत राष्ट्रपति विलियम रूटो की सरकार देश में टैक्स बढ़ाने वाली है। इसके तहत देश में पढ़ाई से लेकर सभी जरूरी सेवाओं पर रेवेन्यू बढ़ाया जाएगा।

केन्या में स्थित भारतीय उच्चायोग ने मंगलवार को एक्स पर एक एडवाइजरी पोस्ट में कहा कि मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए केन्या में सभी भारतीयों को अत्यधिक सावधानी बरतने, अनावश्यक आवाजाही को प्रतिबंधित करने और स्थिति साफ होने तक विरोध और हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों से बचने की सलाह दी जाती है।

भारतीय उच्चायोग ने कहा कि केन्या में रहने वाले भारतीय नागरिकों को अपडेट के लिए स्थानीय समाचार और मिशन की वेबसाइट और सोशल मीडिया हैंडल का पालन करना चाहिए। भारत सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

बता दें कि केन्या में टैक्स का बोझ बढ़ाए जाने से गुस्साए लोग कल मंगलवार को संसद परिसर में घुस गए और संसद भवन के एक हिस्से में आग लगा दी। नैरोबी में प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस से झड़प में 10 लोगों की मौत हुई है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, इस प्रदर्शन में ज्यादातर युवाओं ने हिस्सा लिया। संसद में हिंसा के दौरान सांसदों के एक अंडरग्राउंड टनल के जरिए बाहर निकाला गया। प्रदर्शनकारियों ने संसद के परिसर में तोड़फोड़ भी की।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की सौतेली बहन और केन्याई एक्टिविस्ट औमा ओबामा भी उन प्रदर्शनकारियों में शामिल थीं, जिन पर मंगलवार को नैरोबी में संसद भवन के बाहर प्रदर्शन के दौरान आंसू गैस छोड़ी गई। दरअसल, इस बिल को मई में पेश किया गया था। संसद में मौजूद ज्यादातर सांसद इस बिल के समर्थन में हैं। उनका मानना है कि यह सरकारी कामों को पूरा करने के लिए जरूरी है। रेवेन्यू बढ़ाने पर होने वाली कमाई के जरिए सरकार देश में सड़कों का निर्माण, स्कूलों में टीचर्स को हायर और किसानों को फर्टिलाइजर के लिए सब्सिडी दे पाएगी। देश के ऊपर कर्ज का बोझ भी कम होगा।

दूसरी तरफ सांसदों के मुताबिक, अगर बिल लागू नहीं किया गया तो सरकारी संस्थाओं में काम ठप हो जाएगा। मंगलवार को बिल पर हुई वोटिंग के दौरान 195 में से 106 सांसदों ने इसके पक्ष में वोट किया। वहीं, प्रदर्शनकारी ने कहा कि नए टैक्स से खाना मिलना भी मुश्किल हो जाएगा। प्रदर्शन को देखते हुए राष्ट्रपति रूटो ने देश में सेना को तैनात करने की घोषणा की है।

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आखरी अपडेट: 22nd Dec 2024