इस बार महाकुंभ में श्रद्धा और भक्ति का अभूतपूर्व नजारा देखने को मिल रहा है। अब तक करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। गौरतलब है कि यह ऐतिहासिक आयोजन 13 जनवरी 2025 को शुरू हुआ था और 26 फरवरी 2025 तक चलेगा। महाकुंभ, जो दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में से एक है। इसे हर 12 साल में आयोजित किया जाता है। देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु इसमें हिस्सा लेते हैं।
इस बार महाकुंभ में देशभर के प्रमुख नेताओं और संतों की उपस्थिति देखी जा रही है। इसी कड़ी में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी कुंभ स्नान किया। राजस्थान के उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने इसे एक शानदार पहल बताया और कहा कि “यह अवसर मंत्रियों और विधायकों को एक साथ लाकर देश की खुशहाली के लिए प्रार्थना करने का अनूठा मौका देता है।”
राजस्थान सरकार के इस विशेष आयोजन के तहत मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अपने कैबिनेट मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रयागराज पहुंचे हैं। राजस्थान के मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने इसे सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा, “महाकुंभ एक ऐतिहासिक आयोजन है और मुख्यमंत्री ने हमें इसमें शामिल होने का अवसर दिया है। हम यहां कैबिनेट बैठक भी करेंगे और कुछ महत्वपूर्ण फैसले लेंगे।” राजस्थान के उपमुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा ने भी कहा कि महाकुंभ में आकर देश की समृद्धि और खुशहाली के लिए प्रार्थना करने का यह एक बेहतरीन अवसर है।
एक दिन पहले गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी त्रिवेणी संगम में स्नान किया और महाकुंभ के आध्यात्मिक महत्व को सराहा। महाकुंभ 2025 जिसकी शुरुआत पौष पूर्णिमा (13 जनवरी) को हुई थी, महाशिवरात्रि (26 फरवरी) तक चलेगा। इस दौरान करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान कर पुण्य अर्जित करेंगे। महाकुंभ का यह आयोजन हर बार की तरह श्रद्धा, संस्कृति और भक्ति की अद्भुत मिसाल पेश कर रहा है।