प्रतिक्रिया | Tuesday, September 10, 2024

11/11/23 | 4:57 pm

भारत के पहले शिक्षा मंत्री अबुल कलाम की जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी ने दी श्रद्धांजलि,देशभर में आज मनाया गया राष्ट्रीय शिक्षा दिवस   

आजाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम के जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट कर श्रद्दांजलि अर्पित की। देश के महान स्वतंत्रता सेनानी,विद्वान और प्रख्यात शिक्षाविद् अबुल कलाम आजाद की जयंती पर राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के तौर पर मनाया जाता है। उन्हें स्वतंत्र भारत में शिक्षा के प्रमुख वास्तुकार के रूप में जाना जाता है। यह दिन राष्ट्र-निर्माण, संस्था-निर्माण और शिक्षा के क्षेत्र में मौलाना आज़ाद के अनुकरणीय योगदान को याद करने के लिए मनाया जाता है। कलाम ने विद्यालयों को भविष्य निर्माण करने वाली प्रयोगशाला कहा था।

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस को मनाए जाने का सबसे बड़ा मकसद लोगों को शिक्षा के अधिकार और शिक्षा के महत्व के प्रति जागरूक करना है। 11 नवंबर के दिन हर साल सभी स्कूलों व कॉलेजों में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन छात्र और शिक्षक साक्षरता के महत्व और शिक्षा के विभिन्न पहलुओं के प्रति अपने विचार साझा करते हैं। कई तरह के सेमिनार और वर्कशॉप का आयोजन होता है। विभिन्न स्कूलों में निबंध,भाषण,पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है।

आजादी के बाद राष्ट्र निर्माण और देश के विकास में अच्छी शिक्षा के महत्व को समझते हुए  मौलाना अबुल कलाम ने देश में आधुनिक शिक्षा पद्धति लाने के लिए कई बड़े कदम उठाए।आज राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के दिन शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए बेहतरीन कार्यों को याद किया जाता है। मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्म 11 नवंबर 1888 को मक्का, सऊदी अरब में हुआ था। उनका पूरा नाम अबुल कलाम मोहिउद्दीन अहमद था।

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस

सितंबर 2008 को केन्द्र सरकार ने अबुल कलाम आजाद की जयंती 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी। तभी से देश के सभी शैक्षणिक संस्थानों में 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है।

अबुल कलाम आजाद के नेतृत्व में महत्वपूर्ण कदम 

आईआईटी, आईआईएससी, यूजीसी समेत कई संस्थान उन्हीं के कार्यकाल में शिक्षा मंत्रालय ने आजाद के नेतृत्व में ही 1951 में देश का पहला आईआईटी संस्थान स्थापित किया। इसके बाद 1953 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) बनाया गया। उन्हीं के कार्यकाल में आईआईएससी व स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर बना। उनका मानना था कि ये संस्थान भविष्य में भारत के उच्च शिक्षा क्षेत्र में अहम साबित होंगे। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और सेकेंडरी एजुकेशन कमिशन भी उन्हीं के कार्यकाल में स्थापित किया गया था। देश में प्रसिद्ध जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी की स्थापन में भी उनका अहम योगदान रहा। उन्होंने साहित्य के विकास के लिये साहित्य अकादमी, भारतीय संगीत एवं नृत्य के विकास के लिये संगीत नाटक अकादमी, चित्रकला के विकास के लिये ललित कला अकादमी का गठन किया।

भारत रत्न से सम्मानित

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को मरणोपरांत वर्ष 1992 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। हर वर्ष शिक्षा मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की तय की जाती है। इस बार की थीम है – Embracing Innovation यानी नवाचार को अपनाना। यह थीम पढ़ने पढ़ाने के लिए क्रिएटिव, अध्यापन के एडवांस तरीकों को प्रोत्साहित करने के महत्व पर जोर देती है।https://x.com/narendramodi/status/1723186769641025831?s=20

 

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आखरी अपडेट: 9th Sep 2024